8th pay commission latest news अगर आप सेंट्रल गवर्नमेंट में काम करते हैं या पेंशन पाते हैं, तो 8वें वेतन आयोग की खबरों पर नज़र होना लाज़मी है। अभी आधिकारिक तौर पर इसका गठन नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी अटकलें तेज हैं—और वजह साफ है: ये आपके महीने की कमाई में सीधा असर डालेगा।ड़ी साफ होती है।
तो, अभी तस्वीर कैसी दिख रही है?
ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है। इस नंबर से अंदाज़ा लगाया जाता है कि बेसिक पे में कितनी बढ़ोतरी होगी।
Ambit Capital का मानना है:
- 1.82 फैक्टर → लगभग 14% बढ़ोतरी
- 2.15 फैक्टर → लगभग 34% बढ़ोतरी
- 2.46 फैक्टर → लगभग 54% बढ़ोतरी
लेकिन उनका कहना है कि 54% की उम्मीद थोड़ी ज़्यादा है। ज्यादा वास्तविक अनुमान 14%–34% का है।
दूसरी तरफ Kotak Institutional Equities का अनुमान और भी संयमित है—1.8 फैक्टर और करीब 13% की बढ़त।
फिटमेंट फैक्टर और DA की सच्चाई
एक चीज़ ध्यान रखने वाली है—जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो महंगाई भत्ता (DA) रीसेट होकर 0% हो जाता है।
इसलिए भले फैक्टर बड़ा दिखे, नेट सैलरी बढ़ोतरी थोड़ी कम हो सकती है।
उदाहरण के लिए, 2016 में 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फैक्टर तय किया था। न्यूनतम बेसिक ₹7,000 से ₹18,000 हो गया था, लेकिन DA रीसेट होने के बाद असली बढ़ोतरी करीब 14.3% ही रही थी।
इस बार उम्मीद क्यों ज्यादा है?
अभी DA बेसिक पे का लगभग 55% है, जो 7वें आयोग से पहले के 125% के मुकाबले काफी कम है।
इसका मतलब है—भले फिटमेंट फैक्टर थोड़ा कम हो, DA की वजह से आपकी नेट सैलरी में अच्छे-खासे बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
एक साधारण उदाहरण
मान लो आपकी अभी की सैलरी ₹50,000 है:
- 1.82 फैक्टर (14% बढ़ोतरी) → ₹57,000
- 2.15 फैक्टर (34% बढ़ोतरी) → ₹67,000
- 2.46 फैक्टर (54% बढ़ोतरी) → ₹77,000
सरकार के बजट पर असर
इतना बड़ा वेतन बदलाव सरकार के वेतन और पेंशन बिल को ₹1.5–2 लाख करोड़ तक बढ़ा सकता है।
इससे फिस्कल डेफिसिट पर दबाव आ सकता है और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स या कैपेक्स के फंड पर असर पड़ सकता है।
मार्केट पर भी पड़ेगा असर
ज्यादा सैलरी का मतलब है ज्यादा खर्च करने की क्षमता।
FMCG, ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रिटेल जैसे सेक्टर में डिमांड बढ़ सकती है, खासतौर पर ग्रामीण और छोटे शहरों में।
इसका सीधा फायदा इन सेक्टर की कंपनियों के शेयरों को मिल सकता है।
आगे क्या होगा?
अभी तो सब अनुमान हैं। असली फैसला तब होगा जब 8th Pay Commission का गठन होगा, टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय होंगे, और सभी पक्षों से चर्चा पूरी होगी।
ये प्रक्रिया कुछ महीने खींच सकती है, इसलिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा।